मंगलवार, 8 दिसंबर 2009

प्लीहा वृद्धि, तिल्ली का बढना(Spleenomegaly)

प्रखुम लक्षण--मंद ज्वर या सर्दी के साथ ज्वर, पेट मे दर्द खासकर बांए हिस्से मे , अरोचकता, क्षुधानाश,मल मुत्रावरोध,वमन, दम फ़ुलने लगता है, शरीर कमजोर हो जाता है ।

आहार-विहार व्यवस्था-- पथ्य- साठी चावल,जॊ,मुंग,दुध, गोमुत्र,आसव, अरिष्ट, शहद
अपथ्य-मांसाहार,पत्तेदार शाकसब्जीयां,अम्ल्पदार्थ,विदाही अन्न, भारी खाना, अधिक जल पीना आदि,
व्ययाम करना, अधिक पैदल चलना, सवारी करना, दिन मे सोना आदि बिल्कुल भी न करें ।
आयुर्वेदिक चिकित्सा -- विरेचन, रक्तमोक्षण,क्षार और अरिष्टों का सेवन
सामन्य चिकित्सा- कुमार्यासव
कालमेघासव
निम्बुक द्राव
हिन्गुद्राव
पलाश पंचांग क्षारभस्म
रोहितिकारिष्ट
लोकनाथ रस, आरोग्यवर्धनी वटी, सुदर्शन चुर्ण, कुटकी चुर्ण, अर्क मको,

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